प्रेरणा सूत्र
हमारे आदरणीय गुरुजी ने बताया कि लगभग 45 वर्ष पूर्व आदरणीय दादा गुरु श्री श्री पंडित राम गोपाल जी महाराज का श्री दरबार किनारी बाजार, दिल्ली में सजा हुआ था व श्री बाबा का दरबार में पदार्पण हुआ । श्री महाराज जी उस दिन एक अनोखे प्रसन्नचित स्वभाव में थे व उन्होने निम्न महत्वपूर्ण घोषणा की:
“श्याम जिस भभूति को तुम बाँट रहे हो वह मेरे जीवन की कमाई है, इसे बर्बाद नहीं होने देना, भभूत तो बहुत लोग बाँट लेंगे, लेकिन सही चलोगे तो बाबा की भभूति 3 जनम तक पर्चा देगी।”
हमारे आदरणीय गुरुजी ने बताया है कि उन्होने बाबा के उपरोक्त आशीर्वचन को अपने जीवन का आदर्श व उद्देश्य बनाया है। इस गुरु इच्छा को आज्ञा मानकर ‘चैत सुदी अष्टमी’ को १९९१ यमुना किनारे सभापुर गाँव में श्री हनुमान शिव (बालाजी) मंदिर में विराजमान किया। यहाँ प्रत्येक रविवार को हजारों यात्री बाबा के दरबार में हाजरी देते हैं व राम नाम की भभूति का प्रसाद ग्रहण करते हुए बाबा का जयकारा करते हैं। यह श्री बाबा के आशीर्वाद का उत्तम परिचय व पर्चा देती है, व बाबा के जनकल्याण उद्देश्य पर तन मन से अग्रसर है।
